परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के द्वारा गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता

को दिया गया प्रथम अन्तर्घट सन्देश


सतगुरु जयगुरुदेव: जब मालिक ने १८ मई सन् २०१२ को मथुरा में लीला खेली तो किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मालिक की ये कैसी मौज है | जब ऐसा समाचार गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता को मिला तो वो उसी समय खबर सुन कर बेहोश हो गए | एक दिन के बाद जब उनको होश आया तब कई दिनों तक बिना भोजन किये हुए लगातार ध्यान और भजन में लगे रहे और अंतर में बराबर मालिक से रोकर पूछते रहे कि ये क्या मौज है | गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता का घाट मालिक ने दया मेहर करके सन् २००२ में ही खोल दिया था| उनको अंतर में दिखाई और सुनाई बहुत पहले से ही देता था | गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता ने अंतर में मालिक से पूछा कि ये कैसी मौज है ? आपने कहा था कि जब तक नामी रहता है तब तक नाम का असर रहता है तो अभी भी नाम या शब्द उतर रहा है | आपने ये भी कहा था कि जब सतयुग आएगा तो एक बीघा खेत में १०० मन अनाज पैदा होगा और मैं एक हाथ की बाल नाप करके दिखा दूंगा अभी तो सतयुग आया नहीं फिर ये कैसी मौज ? आपने ये भी कहा है कि संत वचन पलटे नहीं पलट जाये ब्रह्माण्ड | तो ये मौज आपकी कैसी है ? गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता ने ये भी कहा कि अगर आप सच में चले गए तो मुझे आज्ञा दो कि मैं भी जाकर सब लोगो कि तरह दाढ़ी मूंछ बनवाऊ और भंडारा करू , ( क्योकि ये इस संसार का विधान है जिसका पिता इस दुनिया से चला गया तो उसका पुत्र अपने पिता के सम्मान में दाढ़ी मूंछ बनवा करके भंडारा करता है ) आप तो मेरे असली पिता हो | जब गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता ने मालिक से अंतर में ये प्रश्न पूछा तो मालिक थोड़ी देर तक चुप रहे , फिर बाद में बोले कि बच्चू आगे बताऊंगा | इतना जबाब सुनते ही गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता को बहुत खुशी हुई और ओ बराबर साधना में लगे रहे | उसके बाद गुरु महराज ने पुनः २९ मई सन् २०१२ को फिर मिले और बताया कि बच्चू कही जिन्दे का भंडारा होता है तुम दादा गुरु का भंडारा मनाना | गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता कही नही गये और साधना में लगे रहे, फिर उनको गुरु महराज ने ३ जून २०१२ को शाम ६ बजे ध्यान में अंतर में आदेश दिया कि बच्चू मेरा पुनर्जन्म का कार्यक्रम मनाओ। मैंने अपना कपड़ा बदल लिया है | इस मंदिर को जो तुमने मेरे जीते जी बनवाया है मैं इसमें अखंड रूप से विराजमान हो गया हूँ । जो भी प्रेमी मुझको खोजता हुआ यहाँ ३ बार आएगा और सच्चे मन से ध्यान और भजन करेगा उसकी मैं अंदर की आँख, कान खोल दूंगा। फिर गुरु महराज के अंतर के आदेशानुसार गुरु महराज के पुनर्जन्म का कार्यक्रम ०७ जून २०१२ को ग्राम – बड़ेला में बड़े ही धूम धाम से मनाया गया, जिसकी सूचना इंटरनेट के माध्यम से समस्त भारत और विश्व को भेजा गया | सतगुरु जयगुरुदेव ||

गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता
सतगुरु जयगुरुदेव
गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता
अखंड भारत संगत गुरु की
अन्तर्घट जयगुरुदेव मंदिर, ग्राम बड़ेला
मोबाइल नंबर: 09651303867